अलीपुरद्वार,20 फरवरी(नि.सं.)। डुआर्स के जयंती में शिवरात्रि के अवसर पर तैयारियां जोरों पर हैं। शिवरात्रि को लेकर भूटान प्रशासन और अलीपुरद्वार जिला प्रशासन की ओर से कई पहल की जा रही हैं। महाशिवरात्रि आने अब बस कुछ ही दिन है। यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान शिव की उपासना का दिन माना जाता है। शिवरात्रि के दिन भक्तगण अपने भोले-भंडारी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और शिवलिंग का पूजन करते हैं, ताकि वे भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकें।
वहीं, हर साल शिवरात्रि के मौके पर जयंती महाकाल धाम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। इतना ही नहीं जयंती में देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से भी भक्त आते हैं। जयंती महाकाल धाम में अभी से ही साधु-संतों का आना शुरू हो चुका है। साथ ही वहां मेला लगना भी शुरू हो गया है। जयंती महाकाल धाम अलीपुरद्वार जिले में बक्सा बाघ परियोजना के अंदर से कुछ किमी की पैदल यात्रा के बाद पड़ोसी देश भूटान के पहाड़ में स्थित है।अलीपुरद्वार जिला परिषद श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जयंती नदी से महाकाल तक सड़क का निर्माण कर रही है। साथ ही किसी भी प्रकार के साउंड बॉक्स डीजे और प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। हर साल शिवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु जयंती नदी और पहाड़ी रास्ते से होकर भूटान के पहाड़ में स्थित महाकाल मंदिर में पूजा करने आते हैं। श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए लोगों व वाहनों की आसान आवाजाही के लिए नदी से लगभग चार किलोमीटर अस्थायी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
इस वर्ष नदी से महाकाल मंदिर तक आने-जाने के लिए दो सड़कें बनाई जा रही हैं। इसके अलावा जयंती इलाका बक्सा बाघ परियोजना जंगल से घिरा हुआ है। इसलिए पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए प्लास्टिक के उपयोग और डीजे और साउंड बॉक्स का उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। सड़क पर जगह-जगह कूड़ेदान भी रखे जा रहे हैं ताकि कूड़ा-कचरा हर जगह न फैला रहे और श्रद्धालुओं के लिए पीएचई की ओर से पीने का पानी भी उपलब्ध कराया गया है।