अलीपुरद्वार, 29 अगस्त (नि.सं.)। करियर की शुरुआत पुलिस सेवा से हुई। इसके बाद वे शिक्षक की परीक्षा में बैठे और एक बार में ही पास भी कर लिया। वे 22 वर्षों तक बीरपाड़ा हाई स्कूल के शिक्षक हैं। जिस वजह से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के कारण जयब्रत भट्टाचार्य को इस वर्ष शिक्षा रत्न से सम्मानित किया जा रहा है।
जयब्रत भट्टाचार्य को 1999 में पुलिस की नौकरी मिली थी। वे सब इंस्पेक्टर के पद पर थे। लेकिन वह बचपन से ही पढ़ाना चाहते थे। 2002 में वह सरकारी परीक्षा में बैठे और उत्तीर्ण हुए। यहीं से जयब्रत का शिक्षण करियर शुरू हुआ। वर्तमान में वह बीरपाड़ा हाई स्कूल के प्रधान शिक्षक हैं। उनका लक्ष्य चाय बागान के बच्चों को शिक्षित करना है। वह स्कूल छोड़ चुके विद्यार्थियों को स्कूल लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
अलीपुरद्वार जिले के बीरपाड़ा इलाके में कई चाय बागान हैं। जहां एक मात्र सरकारी स्कूल बीरपाड़ा हाई स्कूल है। जब कोई चाय बागान बंद हो जाता है तो वहां शिक्षा बंद हो जाती है। इस स्थिति में भी शिक्षक जयब्रत भट्टाचार्य छात्रों को स्कूल ला रहे हैं।
जयब्रत भट्टाचार्य ने कहा कि लोगों के कल्याण और समाज के निर्माण के लिए शिक्षण को एक पेशे के रूप में चुना हुं। छात्रों की मदद से में सम्मानित हो रहा हुं। मेरा सम्मान सबके लिए है।
अलीपुरद्वार, उत्तर बंगाल, समाचार
चाय बागान के बच्चों को शिक्षित करना मुख्य लक्ष्य, शिक्षा रत्न से सम्मानित होंगे जयब्रत भट्टाचार्य
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