अलीपुरद्वार,14 नवंबर (नि.सं.)। कुछ दिनों बाद वह अपने भाई की शादी के मौके पर घर आने वाले थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि ताबूत में बंद उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा। कालचीनी ब्लॉक के दलसिंगपाड़ा गोपाल बहादुर बस्ती के निवासी रानू मगर (33) जम्मू-कश्मीर के कारगिल में भयानक बर्फीले तूफान में शहीद हो गए। वह भारतीय सेना की गोरखा रेजिमेंट में नायक के पद पर कार्यरत थे। शहीद हुए जवान रानू मगर का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव पहुंचा तो परिवार वालों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार 11 नवंबर की शाम को वह कारगिल में ड्यूटी पर थे। उसी वक्त वह भयानक बर्फीले तूफान की चपेट में आ गये। उनका शरीर बर्फ में दब गया था। उसी दिन उनका शव बर्फ के अंदर से निकाला गया। लेकिन 12 नवंबर की शाम को उनके परिवार के पास उनकी मौत की खबर आई। रानू मगर के घर में उनके पिता,मां,पत्नी, दो बच्चे और एक भाई हैं। शहीद रानू मगर के भाई भानु मगर की शादी 4 दिसंबर को है। रानू मंगर 16 नवंबर को अपने भाई की शादी के मौके पर घर आने वाले थे। परिवार के सभी लोग इसी उम्मीद में दिन गिन रहे थे। लेकिन उससे पहले ही घर में बुरी खबर आ गई। आज ताबूत में बंद उनका पार्थिव शरीर दलसिंगपाड़ा गोपाल बहादुर बस्ती स्थित उनके आवास पर लाया गया। उनका पार्थिव शरीर घर आते ही परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। आज पूरे दलसिंगपाड़ा में शोक का माहौल है। इतना ही नहीं व्यवसायियों ने अपनी दुकानें भी बंद रखी है।
दलसिंगपाड़ा गोपालबहादुर बस्ती में ताबूत में बंद भारतीय सेना के नायक रानू मगर का पार्थिव शरीर लाया गया। उनका पार्थिव शरीर आते ही दलसिंगपाडा में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी।
रानू मगर को अंतिम देने के लिए राज्यसभा सांसद प्रकाश चिकबराइक, कालचीनी के विधायक विशाल लामा, जिला परिषद सदस्य गंगाप्रसाद शर्मा, कालचीनी बीडीओ समेत अन्य लोग मौजूद थे। इसके बाद अंतिम संस्कार करने के लिए उनका पार्थिव शरीर कालचीनी ब्लॉक के दलसिंगपाड़ा तोर्षा नदी घाट लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।