सिलीगुड़ी,4 मार्च(नि.सं.)। रक्त दान को महादान कहा जाता है। रक्त की किल्लत को दूर करने के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया जाता है। ताकि किसी मरीज की मौत रक्त की कमी के कारण न हो। लेकिन उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में खून के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। रक्त दिलाने के नाम पर मरीज के परिजनों दलाल चक्र में फंसना पर रहा है। जी हां उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल मेडिकल कॉलेज से एक ऐसी घटना सामने आई है। शिकायत पर मेडिकल चौकी की पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम शिवा दास (25) है। वह सुश्रुत नगर कावाखाली का निवासी बताया गया है।
जानकारी मिली है कि गत 26 फरवरी को कूचबिहार के तूफानगंज के निवासी अमीनुर आलम अपनी बीमार पत्नी की इलाज के लिए उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती करवाया था। इसके बाद अस्पताल से उसे रक्त उपलब्ध करने की बात बताई गई। जिसके बाद अमीनुर आलम अपनी पत्नी के लिए रक्त की तलाश शुरू किया। तभी 29 फरवरी को मेडिकल कॉलेज परिसर में अमीनुर आलम की मुलाकात शिवा दास से हुई। पहली मुलाकात में शिवा ने अपना परिचय मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक कर्मचारी के रूप में दिया। जिसके बाद अमीनुर ने शिवा से दो बोतल रक्त उपलब्ध कराने के लिए कहा। बाद में शिवा ने अमीनुर से रक्त उपलब्ध कराने का आश्वासन देकर उससे 3300 रूपये लिया।आरोप है कि रूपए लेने के बाद शिवा फरार हो गया। अमीनुर उसकी तलाश की,लेकिन शिवा का कुछ पता नहीं चला।
जिसके बाद अमीनुर आलम कही और से अपनी पत्नी के लिए रक्त संग्रह किया। वहीं, बीते कल मेडिकल कॉलेज में अमीनुर को शिवा दास दिखाई दिया तो अमीनुर ने शिवा से अपने पैसे मांगे। लेकिन शिवा उसके साथ झगड़ा करके फरार हो गया। इसके बाद अमीनुर आलम ने इस संबंध में मेडिकल चौकी में एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर मामले की जांच करते हुए मेडिकल चौकी की पुलिस कावाखाली से शिवा दास को गिरफ्तार किया। आज पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज कर सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।