सिलीगुड़ी, 21 अक्टूबर(नि.सं.)। दुर्गा पूजा में जब विशेष पूजा पंडाल, आकर्षणीय मूर्ति, विशेष सजावट के लिए पूजा कमिटी को सम्मान दिया जाता है, तो फिर मूर्ति तैयार करने वाले मूर्तिकारों को सम्मान क्यों नहीं दिया जाता। सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा पालपाड़ा के मूर्तिकारों ने यह सवाल उठाया है।
मूर्तिकार गौतम पाल ने कहा कि वे सभी प्रतिवर्ष कई मूर्ति तैयार करते है। वहीं, उनके द्वारा तैयार की गई इन मूर्तियों को विशेष तोड़ पर सम्मानित भी किया जाता है। लेकिन इस सम्मान का लाभ पूजा कमिटी को मिलता है। लेकिन इसका असली हकदार मूर्तिकार है।
जब मूर्ति को विशेष सम्मान मिलता है तो इसे बनाने वालों को सम्मान क्यों न मिले। उन्होंने कहा कि उनके मूर्तियों को सम्मान मिलता है। तो उन्हें काफी खुसी होती है, लेकिन वहीं थोड़ा दुःख भी रह जाता है। क्योंकि सम्मान उन्हें भी मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना की कठिन परिस्थियों में काम करने के बावजूद उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।
अगर मूर्तिकारों को भी सम्मान मिले, तो शायद वर्तमान स्थितियों से लड़ने में उन्हें काफी आसानी होगी। वहीँ दूसरी तरफ कोरोना महामारी के बीच सिलीगुड़ी में इस साल पूजा कमिटियों ने सरकारी निर्देश के अनुसार पंडाल में दर्शानार्थी की भीड़ न जुटे इसकी व्यवस्था की है। वहीं इस दौरान दर्शनार्थीयों को जागरूक भी किया जाएगा।