सिलीगुड़ी, 27 अगस्त (नि.सं.)। पति के कोरोना से संक्रमित होने की मैसेज मोबाइल में आते ही पत्नी ने बिना सोचे-समझे पति को घर से बाहर निकाल दिया। यह घटना सिलीगुड़ी की है। यह व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ हैदरपाड़ा में एक किराए के मकान में रहता है।
बताया गया है कि उक्त व्यक्ति ने कुछ दिनों पहले स्वाब टेस्ट करवाया था। बुधवार शाम को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया कि वह कोरोना से पीड़ित है। उसने अपनी पत्नी को इसके बारे में बताया। आरोप है कि पत्नी को इस बारे में पता चलते ही उसने पति को घर से निकाल दिया। व्यक्ति ने सोचा था कि इस्टर्न बाईपास संलग्न दक्षिण एकटियाशाल स्थित अपने घर पर होम आईसोलशन होगा। लेकिन इससे पहले ही पत्नी ने इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को दे दी।
व्यक्ति को घर में घुसने नहीं देने के कारण कुछ घंटों तक वो सड़क पर बैठा रहा। वहीं, व्यक्ति को इलाके में नहीं रहने दिया जाएगा, इस मांग में स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं स्थानीय लोगों ने इस्टर्न बाईपास के सड़क को पथावरोध किया और सभी ट्रकों को रोक दिया गय। दूसरी ओर, घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। बाद में स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर एंबुलेंस लाया गया।
इसके बाद व्यक्ति को कोविड अस्पताल भेजा गया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि व्यक्ति यहां नहीं रहता है। वह दूसरे जगह रहता है। जब वह यहां आया तो उसे अस्पताल जाने के लिए कहा गया। लेकिन जब वह अस्पताल जाने नहीं माना तो प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग में पथावरोध किया गया। हालांकि, हमारी लड़ाई में बीमारी के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है। लेकिन हमारी लड़ाई रोगी के खिलाफ नहीं है। ऐसी घटनाओं के बाद कुछ लोगों की भूमिका का पर सवाल उठने लगे है।
कई मामलों में यह देखा गया है कि कोरोना रोगियों के परिवार को एक कमरे में रखा जाता है। वह जब स्वस्थ हो जाते हैं इसकेे बावजूद उन्हें इलाके में रहने नहीं दिया जाता है। डॉक्टर और समाजकर्मियोें का कहना है कि इस स्थिति में स्थानीय लोगों में और ज्यादा सहानुभूति होनी चाहिए।