सुधांशु दास वायलिन बजाकर सिलीगुड़ी के लोगों को कर रहे मंत्रमुग्ध

सिलीगुड़ी, 21 अक्टूबर(नि.सं.)। जिंदगी को खुशनुमा, चिंतामुक्त बनाने में संगीत से जुड़ना कारगर साबित हुआ है। संगीत एक वैसा मध्यम है जो मन को कुछ हद तक शांत रखता है। अगर उसमें वायलिन की मधुर आवाज हो तो बात कुछ और ही है।


वैसा ही काम सिलीगुड़ी के सड़कों पर 60 वर्षीय सुधांशु दास कर रहे है। सुधांशु अपने वायलिन की मधुर आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर रहे है। सुधांशु दास सिलीगुड़ी शहर के विभिन्न जगहों पर वायलिन बजाकर लोगों को मंत्रमुग्ध करते है और बदले में लोग उसे कुछ रूपये दे देते हैं। जिससे वह अपना गुजारा कर लेते है। सुधांशु दास वैसे तो अलीपुरद्वार का निवासी है।

लेकिन लंबे समय से वे सिलीगुड़ी में ही रह रहे है। सिलीगुड़ी टाइम्स के प्रतिनिधि से बात करते हुए सुधांशु दास ने कहा कि बचपन में उसने वायलिन बजाना सीखा था। लेकिन पेट की भूख के कारण वह वाहन चलाना शुरु किया और तकरीबन 18 वर्षों तक वाहन चलाया।


अब कमर के दर्द के कारण वाहन नहीं चला पाते है। इसलिए वे वायलिन को अपना हमसफ़र बना लिया है।वायलिन बजाकर लोगों का वे दिल जीतते है और फिर जो कुछ मिलता है उसी से वे अपना गुजारा कर लेता है। सिलीगुड़ी के लोग सुधांशु दास के वायलिन से निकले संगीत के कायल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

casibom 760 girişjojobetCasibom GirişJojobet GirişcasibomCasibomMeritking GirişBets10holiganbet girişbaywingrandpashabet giriş