सिलीगुड़ी,10 जून (नि.सं.)। मन में अगर कुछ करने की चाहत हो तो शारीरिक अक्षमता बाधा नहीं बनती है। सिलीगुड़ी की दिव्यांग रेनेसां दास ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। वह दिव्यांग होते हुए भी अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है। उच्च माध्यमिक परीक्षा में सिलीगुड़ी गर्ल्स हाई स्कूल में दिव्यांग रेनेसां दास ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। उच्च माध्यमिक परीक्षा में उसने 484 अंक मिले है।
उनका सपना डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी बनना है।सिलीगुड़ी गर्ल्स हाई स्कूल के कला विभाग की छात्रा रेनेसां दास सिलीगुड़ी के पूर्व विवेकानंद के 38 नंबर वार्ड की निवासी है। उसके पति विश्वजीत दास एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। मां बर्नाली दास गृहिणी हैं। वह अपनी पत्नी व एक बेटे और एक बेटी के साथ किराए के मकान में रहते हैं। रेनेसांतीन साल की उम्र से दृष्टीहीन है। रेनेसां को पढ़ाई के अलावा उसे गीत, कविता और कहानियां लिखने में भी रुचि है।उच्च माध्यमिक परीक्षा में उसके परिणाम से अभिभावकों सहित स्कूल के शिक्षक बेहत खुश हैं।
रेनेसां ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। मेरा पढ़ने का कोई निश्चित समय नहीं था। शिक्षकों ने भी मेरी मदद की। रेनेसां की मां बर्नाली दास ने कहा कि हम सभी बहुत खुश हैं।यदि कोई व्यक्ति उसके भविष्य के सपने को पूरा करने में उसकी मदद करे तो उसका सपना अच्छे तरीके से सफल होगा।