सिलीगुड़ी के शिक्षक अभिषेक प्रसाद का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में हुआ दर्ज, पुराना स्टांप पेपर जमा करने में देश के पहले और एशिया के दुसरे व्यक्ति भी बने

सिलीगुड़ी, 4 जून (नि.सं.)। सपनों के देखने से वह पूरे नही होते है। सपना को पूरा करने के लिए सच्ची लगन और मेहनत की जरूरत होती है। जिसे, सिलीगुड़ी के एक शिक्षक ने साबित कर दिखाया है। जिन्होंने अपने कारनामे से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर पूरे देश में सिलीगुड़ी शहर का नाम रोशन किया है। सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा अंतर्गत तुंबाजोत के रहने वाले अभिषेक प्रसाद पेशे से एक प्राइवेट स्कूल के शिक्षक है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने स्टांप पेपर की विषय पर खोज बीन शुरू की।


साल 2019 से अभिषेक ने स्टांप पेपर जमा करना शुरू किया था। देखते देखते उन्होंने 1200 से ज्यादा स्टांप पेपर जमा कर चुके है। आजादी से पहले और उसके बाद तक के समय काल में जितने भी स्टांप पेपर जारी हुए अभिषेक इन सभी को जमा करने लगे। हालांकि, इस कार्य के दौरान उन्हें परेशानियों का सामना भी करना पाड़ा। बावजूद उनका प्रयास निरंतर जारी रहा। बताया गया है कि उनके पास वर्तमान में ब्रिटिश शासन काल से लेकर आजादी के बाद और बहु पुराना स्टांप पेपर मौजूद है।

जानकारी के अनुसार उत्तर बंगाल विश्व विद्यालय में एग्जीबिशन का आयोजन किया गया था। जिसमें उन्होंने ने भी हिस्सा लिया। इस एग्जीबिशन में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि भी पहुंचे थे। जहां, अभिषेक प्रसाद की कला से प्रभावित होकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज किया गया।वहीं, अभिषेक प्रसाद को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित करने के अलावा उन्हें मेडल और प्रमाणपत्र से नवाजा गया। इसके साथ ही अब वे पुराने स्टांप पेपर जमा करने में देश के पहले और एशिया के दुसरे व्यक्ति भी बन गये है। इस विषय में अभिषेक प्रसाद ने बताया कि उनका सपना है कि सिलीगुड़ी में इन पुराने स्टांप पेपर और वर्ल्ड करेंसी को लेकर एक म्यूजियम बने। उन्होंने कहा कि इन पुराने स्टांप पेपर से इतिहास के बारे में भी जानकारी मिलती है।


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