अलीपुरद्वार, 5 नवंबर (नि.सं.)। बक्सा में जल्द ही बाघ छोड़ा जाएगा। बाघ को छोड़ने के लिए विभिन्न प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं। अगले कुछ दिनों में विशेषज्ञ टीम बक्सा जंगल में आ रही है। आज राजाभातखावा में एक पत्रकार सम्मेलन कर मुख्य वनपाल सौमित्र दासगुप्त ने इसकी जानकारी दी है। राज्य मुख्य वनपाल सौमित्र दासगुप्त ने कहा कि बक्सा में बाघों की संख्या में काफी कमी आई है।
इसके लिए पिछले दो-तीन वर्षों से ‘टाइगर ऑग्मेंटेशन’ नामक एक परियोजना शुरू की गई है। जिसका काम शुरू हो गया है। इसके लिए ग्लोबल टाइगर फोरम, नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के अधिकारी व विशेषज्ञ आएंगे। बाघों के लिए कौन से क्षेत्र उपयुक्त हैं और किस बुनियादी ढांचे को विकसित करने की जरूरत है। इस पर सलाह ली जाएगी। विशेषज्ञ टीम के आने के बाद पता चलेगा कि बक्सा जंगल में बाघ को कब छोड़ा जाएगा।
साथ ही बाघ को छोड़ने से पहले बक्सा बाघा परियोजना के कोर जंगल में स्थित भूटिया वनबस्ती, गंगुटिया वनबस्ती के निवासियों को स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के वन विभाग में करीब 1,350 कर्मियों की भर्ती की जा रही है। इस संबंध में राज्य सरकार ने कैबिनेट को मुहर लगा दी है। इन कर्मियों की नियुक्ति के बाद वन विभाग में कर्मियों की कमी दूर हो जाएगी।