गरीबी और लाचारी के चलते लॉकडाउन में दर-दर भटकने को मजबूर है नारायण मौर

सिलीगुड़ी, 27 अप्रैल (नि.सं.)।लाॅकडाउन के कारण कई लोग भूखे है तो कई ऐसे भी है जिनके पास दाल व चावल तो है लेकिन इसे पकाने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है।ऐसी ही स्थिति जलपाईमोड़ संलग्न शीतलपाड़ा के निवासी नारायण मौर की है।


नारायण मौर ठीक से चल फिर नहीं सकते है। इसलिए उन्हें लाठी का सहारा लेना पड़ता है। परिवार में उनका कोई नहीं है। हालांकि, इस लाॅकडाउन में उनकी सहायता के लिए कई लोगों ने चावल, दाल व सब्जी दिये है, लेकिन खाना पकाने के लिए ना ही उनके पास गैस चूल्हा है और ना लकड़ी की कोई भी व्यवस्था।जिसके चलते लोगों द्वारा दिए गये राशन अब नष्ट हो रहा है।

भोजन की तलाश में नारायण मौर अब रोजाना लाठी के सहारे घंटों तक चल कर बर्दमान रोड पहुंचते है और भोजन की आश में अलग-अलग जहग बैठे रहते है। उन्होंने कहा कि लाठी के सहारे चलना काफी मुश्किल होता है, लेकिन पेट की आग बुझाने के लिए उन्हें रोजाना घर से निकलना पड़ता है। वे कहते है कि यदि खाना पकाने की कोई भी व्यवस्था होती तो वो इस तरह दर-दर ना भटकते।


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