सिलीगुड़ी, 7 जून (नि.सं.)। जिस उम्र में आम तौर पर बच्चे अपने माता-पिता के साथ रहते है उस उम्र हर्ष मिश्रा अपने माता-पिता से दूर रहने का फैसला कर वर्ष 2005 में वह सिलीगुड़ी नगर निगम के एक नंबर वार्ड अंतर्गत राजेंद्र नगर अपने नाना-नानी के यहां आ गया। सिलीगुड़ी में आने के बाद हर्ष के नाना-नानी उसे देशबंधु हिंदी हाई स्कूल में दाखिला करवा दिया। आज हर्ष माध्यमिक में स्कूल टॉपर है। माध्यमिक परीक्षा में हर्ष को कुल 558 नंबर मिले है। हर्ष मिश्रा अपना पढ़ाई का खर्चा कक्षा 8 से पूजा-पर्व में पुरोहित के तौर पर पूजा करवाकर उठा रहा है। कोरोना काल में जब सब अपने घर में थे तब हर्ष मिश्रा अपने सपनों को पूरा करने के लिए दौड़ रहा था। शिक्षा संस्थान बंद होने के बाद भी हर्ष सुजीत पांडे नामक एक प्राइवेट शिक्षक से क्लास ले रहा था।
हर्ष ने कहा कि कोरोना काल में सुजीत पांडे उसे अपने घर में बुलाकर नि:शुल्क में ट्यूशन पढ़ाते थे। उसे जो माध्यमिक में सफलता मिली है। उसमें सुजीत सर का बहुत बड़ा योगदान है।हर्ष आगे बताता है कि उसने माध्यमिक में 90 प्रतिशत नंबर प्राप्त करने का उम्मीद था, लेकिन उसे 80 प्रतिशत नंबर से संतुष्ट करना पड़ा है। वह साइंस लेकर आगे की पढ़ाई करेंगा। उसका लक्ष्य एनडीए में जाना है, हालाकिं उसके सामने आर्थिक समस्या है। पढ़ाई के लिए उसे सरकारी सहायता या समाजसेवी द्वारा सहयोग किया जाए तो शायद वह अपनी मेहनत से अपना किस्मत लिख सकता है। हर्ष यह भी बताता है कि वह माता-पिता से दूर कुछ बनने के लिए निकला था। जब तक वह कुछ बन नहीं जाता है, तब तक वह अपने माता-पिता से दूर रहेगा। बीच-बीच में अपनी माता-पिता से सिर्फ मिलने के लिए बिहार जाता है।
इधर, हर्ष के शिक्षक सुजीत पांडे ने कहा कि जब हर्ष 9वीं कक्षा में था। तब से उसे पढ़ा रहे है। हर्ष के रिजल्ट से वह काफी खुश है। देशबंधु हिंदी हाई स्कूल के प्रधान शिक्षक जय किशोर पांडे ने कहा कि माध्यमिक में उसके स्कूल का अच्छा रिजल्ट रहा है। सफलता पाने वाले सभी विद्यार्थियों का उनका शुभकामना है। हर्ष मिश्रा एक होनहार छात्र है। जिसने अपनी मेहनत से स्कूल टॉपर बने है।