विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन

उत्तर आकाश के संपादक वरिष्ठ साहित्यकार श्री देवेन्द्रनाथ शुक्ल की अध्यक्षता एवं डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में 10 जनवरी 2021, रविवार को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर सायं 3 बजे से साहित्यिक संस्था “अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” के तत्वावधान में एक अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।


इसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, सहायक प्रोफेसर, दक्षिण एशियाई भाषा व संस्कृति विभाग, क्वांगतोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, चीन एवं मारिशस के जाने-मानेसाहित्यकार एवं संपादक राज हीरामन और मुख्य अतिथि के रूप में बिहार से अद्यतन के संपादक एवं डी.ए.वी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ब्रजनंदन किशोर उपस्थित थे। कार्यक्रम अनीता साह प्रसाद के उद्घाटन गीत वर दे वीणा वादिनी से प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में देश-विदेश के जाने-माने कवियों ने भाग लिया।

डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी ने भारत और चीन के सांस्कृतिक एवं धार्मिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि साहित्य ही है जो हमें आपस में जोड़ता है। उन्होंने आठवीं शताब्दी की चीनी कविता का हिन्दी अनुवाद भी प्रस्तुत किया। मारीसश के प्रसिद्ध कवि प्रो. राज हीरामन ने अपनी कविता के माध्यम से प्रवासियों की व्यथा को व्यक्त किया। मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. ब्रजनंदन किशोर ने विश्व हिन्दी दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हिन्दी के विकास में सामान्य जनों की विशेष भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। इस कवि सम्मेलन में पश्चिम बंगाल से लेकर देश के विभिन्न राज्यों एवं पड़ोसी देश नेपाल और मारिशस एवं चीन के कवियों ने भाग लिया। सभी कवियों ने अपनी एक से बढ़कर एक कविताएं प्रस्तुत कर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी।


कार्यक्रम में प्रो. डॉ. ब्रजनंदन किशोर, बिहार, प्रो. डॉं. विवेक मणि तिवारी, क्वांगतोंग, चीन, प्रो. राज हीरामन (मारिशस), श्री जयप्रकाश अग्रवाल (नेपाल), श्री शारदा प्रसाद द्विवेदी, मुंबई, कश्मीरा सिंह, अर्चना आर्याणी (बिहार), डॉ. सत्यप्रकाश तिवारी, डॉ. विपिन किशोर प्रसाद,, श्री दिनेशचंद्र दिनेश (कोलकाता), डॉ. मनोज मिश्र, हावड़ा, श्री संतोष साह, दुर्गापुर, श्री संजय वाजपेयी, लखनऊ, मनीषा उपाध्याय, मुंबई, डॉ. भीखी प्रसाद ‘वीरेन्द्र’ श्री देवेन्द्र नाथ शुक्ल, डॉ. ओमप्रकाश पांडेय, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह, श्री क्षेत्रप्रेम मुखिया,सालूगाड़ा, कमला तामंग, मिरिक, पूजा प्रसाद, निशा ठाकुर, लुकसान, डॉ. वंदना गुप्ता, श्रीमती किरण अग्रवाल, ऋतु गर्ग, श्रीमती पुतुल मिश्र, सुश्री कनकलता झा एवं डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद ने अपनी कविताओं का पाठ कर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। काफी संख्या में दूर-दूर के श्रोता भी अपने घरों में ही बैठकर ऑनलाइन कविता का आनन्द ले रहे थे।

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