बिमल गुरुंग को अचानक देखे जाने के बाद अशोक भट्टाचार्य ने किया तीव्र विरोध

सिलीगुड़ी, 22 अक्टूबर (नि.सं.)।एक अलग गोरखालैंड राज्य के लिए लड़ने वाले गोरखा नेता बिमल गुरुंग 3 साल बाद बुधवार को कोलकाता में दिखाई दिए है। इसी को लेकर दार्जिलिंग जिला वामफ्रंट के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य ने तीव्र विरोध किया है।


आज एक पत्रकार सम्मेलन कर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि कैसे एक गद्दार सार्वजनिक रूप से सामने आया।राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जो गुप्त चर्चा हुई है उसेे सामने लाया जाये। इतना ही नहीं अशोक भट्टाचार्य ने विधानसभा में उनकी चर्चा का मुद्दा उठाने की मांग की है। ज्ञात हो कि एक अलग गोरखालैंड राज्य के लिए लड़ने वाले गोरखा नेता बिमल गुरुंग 3 साल बाद बुधवार को कोलकाता में दिखाई दिए थे।

दार्जिलिंग क्षेत्र में गोरखाओं के लिए राज्य आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बिमल गुरुंग 2017 से लापता थे। गोरखालैंड आंदोलन में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई थी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।बिमल गुरुंग और रोशन गिरि सहित कई मोर्चा नेताओं के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दायर किया गया था। इसके बाद से बिमल गुरूंग पहाड़ से लापता हो गये थे। भले ही बिमल गुरूंग छुपे हुए थे, लेकिन वह कभी-कभी ऑडियो संदेशों के माध्यम से अपनी उपस्थिति लोगों तक पहुंचाते थे।


हालांकि, बिमल गुरुंग ने कल कोलकाता में सामने आये और एक पत्रकार बैठक भी की। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह भाजपा से नाता तोड़ तृणमूल कांग्रेस के साथ काम करना चाहता है।इसके बाद राजनेतिक खंमों में हलचल पैदा हो गई है।

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