द्रौपदी मुर्मू ने ली देश के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ

राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।


आज संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल मौजूद थे। शपथ लेने से पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजघाट पर जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रंद्धांजलि दी।इसके बाद वे शपथ ग्रहण समारोह में पहुंची। उन्होंने सफेद तिरंगे की साड़ी पहनकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली। देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू ने शपथ लेने के बाद अपना पहला भाषण दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ के बाद संबोधन की शुरुआत जोहार से की। कहा- जौहर! नमस्ते! मैं भारत के सभी नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों देशवासियों को नम्रतापूर्वक बधाई देता हूं। आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।

भारत में गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। युवाओं और महिलाओं को मैं खास विश्वास दिलाती हूं। अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा दृढ़ संकल्प मजबूत रहा। उन्होंने आगे कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।


ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, मुझे ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। उन्होंने यह भी कहा मैं जिस गांव में पली-बढ़ी हूं,वहां प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करना बहुत कठिन था। मैं जनजाति समाज की लड़की हूं, लेकिन मुझे वार्ड पार्षद के रूप में शुरुआत करने और भारत के राष्ट्रपति बनने का अवसर मिला।

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