नगर निगम ने की पहल, नदी में विसर्जित की गयी पूजा सामग्रियों से बनायी जा रही उर्वरक

सिलीगुड़ी, 27अक्टूबर (नि.सं.)।नदी में डाली गई पूजा सामग्रीयां नदी को प्रदूषित करने के साथ ही जलशोधन संयंत्र में पहुंचकर पेयजल को दूषित करता है। लोगों को पूजा सामग्रीयां नदी में आसानी से फेंकते देखा जा सकता है।


वहीं इस बार नगर निगम ने नदी प्रदूषित न हो इस लिये एक पहल की है। सिलीगुड़ी नगर निगम ने महानंदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के साथ-साथ सौंदर्यीकरण पर भी जोर दिया है। महानंदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के प्रयास जारी हैं। इस लिये नगर निगम ने मूर्तियां विजर्सन के बाद नदी में पूजा सामग्रीयां फेंकने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इस प्रतिबंध का अनुपालन कर सभी पूजा आयोजकों ने एक निर्दिष्ट स्थान पर पूजा के फूल, बेलपाता समेत अन्य वस्तुओं को संग्रहीत किया। इन पूजा के सामग्रीयों से उच्च गुणवत्ता वाली खाद बनाई जा रही है, जो उर्वरक चाय के बागान के लिए उपयुक्त है।


सोमवार को विसर्जन के बाद आज सुबह से फूल, बेलपत्र सहित लगभग सभी पूजा सामग्रियों को से उर्वरक बनाने का काम शुरू हो गया है। प्रशासक अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि इससे काफी हद तक सिलीगुड़ी नगर निगम को लाभ होगा।

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