नदी पार करने के लिए नहीं है पुल! चतुरागछ गांव के ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का बनाया मन 

राजगंज,13 मार्च (नि.सं.)। नदी पार करने के लिए पुल नहीं है, कई सालों से बांस की चचरी पुल बनाकर लोगों को आना-जाना पड़ रहा है। पुलि की मांग में विभिन्न जगहों पर आवेदन भी किया गया, लेकिन पुल का निर्माण नहीं हुआ। जिसे लेकर राजगंज ब्लॉक के संन्यासीकाटा ग्राम पंचायत के भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट चतुरागछ गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने के बारे में सोच रहे है।


आपको बता दे कि गांव के बीच से दाहुक नदी बहती है। चतुरागछ गांव के लोग दशकों से पुल की कमी से जूझ रहे है। कई जगह आवेदन कर चुके है, लेकिन अभी तक पुल नहीं बना है। इस बीच फिर से लोकसभा चुनाव आ रहे है। ग्रामीण इस साल लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की सोच रहे है।

स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि गर्मियों के दौरान बांस की चचरी से आना – जाना संभव है, लेकिन मानसून के दौरान नहीं हो पाती है। बाजार, स्कूल-कॉलेज, कार्यालय सभी गतिविधियों के लिए नदी से होकर आना-जाना पड़ता है। ग्राम पंचायत अधिकारियों से लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को पुल नहीं होने की जानकारी है। चुनाव के दौरान नेताओं ने पुल बनाने का वादा किया था, लेकिन आज भी पुल नहीं बना है। वे लोग हाथ पर हाथ रखकर बैठे है। इसलिए ग्रामीण वोट बहिष्कार के बारे में सोच रहे है। 


इधर, संन्यासीकाटा ग्राम पंचायत की प्रधान रुबा खानम ने कहा कि पुल का मामला मेरे संज्ञान में है। उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जो लोग वोट बहिष्कार की सोच रहे हैं, वे लोग वोट का बहिष्कार न करें। लोकसभा चुनाव के बाद पुल बन जाएगा।

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